अनुवाद :

सुप || छिट्टा || डाला|| पथिया

अनुवाद:     

 बाँस से बनी कुछ चीजें

 

मिथिला, बिहार और नेपाल के दो . प्रदेश के क्षेत्रों में कुछ ऐसी चीज है जो लोग हो रहा है।  वैसे तो बहुत सारे चीज है जो लोग हो गए हैं और होने वाले हैं और हो रहे हैं।  पर मैं आज कुछ ऐसी चीजों के बारे में बात कर रहा हूं जिन्हें जानना आप सभी को बहुत आवश्यक है। वास का कुछ सामान जो हमारे विभिन्न कार्यों में प्रयोग होता था। बाँस की कुछ वस्तुएँ जिनका प्रयोग हमारे विभिन्न कार्यों में होता था। उन सभी चीजों को हम कुछ इस तरह प्रयोग करते थे जैसे  चावल में से भूसा निकालने में या गंदगी निकालने में, इसे हम सुप कहते हैं।  यह मैथिली शब्द है।  य्अह कुछ इस तरह दिखता है। जैसे डाला, पनपथिया, छीट्टा, मौनी, चंगेरा जैसे बहुत सारे जो बांस से बने चीज है। हाथ से बनने वाला पंखा जिसे वियन भी कहते हैं जो कि मैथिलि शब्द हे जैसे पंखे की जगह अब बिजली के पंखे और बैटरी से चलने वाले पंखे लगे हैं। ये उपलब्धियां हैं, लेकिन कई ऐसी चीजें हैं, जिनकी जगह प्लास्टिक के सामान ले रहे हैं, जो बेकार हैं।



छिट्टि

मान्यता यह है कि जितने भी बांस से बने हुए सामग्री जो है वह हमारे समाज में एक खास वर्ग है वह बनाता है जिसे हम डोम कहते हैं।  डोम एक जाति है । यह जो बात से बना हुआ सामान है उसे सिर्फ और सिर्फ अब पर्व मैं ही प्रयोग करने का चलन बना लिया है। जैसे चौरचन जो मिथिला का महान पर्व है वैसे ही छठ पूजा जो मिथिला बिहार और नेपाल का एक महान पर्व में से एक है और थोड़ा बहुत कुछ पर्व है उनमें ही इसका प्रयोग होता है। मैं यह नहीं कह रहा कि हमें इन चीजों को प्रयोग करना चाहिए फिर से बल्कि यह मैं कह रहा हूं कि प्लास्टिक का प्रयोग यथासंभव बहुत कम कीजिए।

मैं इस ब्लॉग के माध्यम से आप सभी को जानकारी दे रहा हूं कि ऐसा ऐसा बांस से बना जो चीज है जो अब बहुत कम एग्जिट करता है शायद शहर में यह मिलता भी ना हो आप जहां से पढ़ रहे हैं उधर पर बांस से बनने वाली चीज क्या क्या है कमेंट करके बताइए। और इसके बाद हम हर एक वस्तुओं पर ब्लॉक तैयार करेंगे जिसमें हम चित्र के साथ दिखाएंगे कि वह कैसा होता है और किस चीज से बना है और इसका प्रयोग किया होता है। 

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