मिथिलांचलक पावैन :चौरचन
(Festival of Mithilanchala: Chorachan)
मैथिली में:
चौरचन पावैन मिथिलाक महान पावैन मे स एकटा पावैन छै। इ पावैन भादव मास के शुक्लपक्ष चतुर्थी के मनावल जाइत अछि । इ नेपाल के मिथिला क्षेत्र मे मनावल जाइत अछि। प्रदेश न. २ आ प्रदेश न. १ के किछ क्षेत्र मे मनावल जाइत अछि । आ भारत के बिहार राज्य के किछ जील्ला मे सेहो मनावल जाइत अछि ।
चौरचन पावैन कत स सुरु भेल के पहिने मनोलक किया मनावल जाइत अछि ऐ के बारे मे बहुत इतिहास अछि । तै मेस एकटा हम आहा समक्ष लेलौ ह ।
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Chaurchan |
2020 PIC
मिथिलांचल में ऐ दिन के चंद्रमाक पूजा कक मिथिला के राजा हेमंगद ठाकुर शुरुवात केलाह्। ओ मुगल सम्राट द्वारा कवजा काय्ल गेल राज्य के वापस लेबके लेल ओ दिल्ली जाइत छलैथ । ओ देखलखिन जे लोग चंद्रमा पर पत्थर फेंक रहल छलै । राजा चंद्रमा स प्रार्थना केला कि हमरा अपन राज्य मे वापस आब मे मद्दत करु । तब हुनका हुनक राज्य भेट गेलैन त ओ हि दिन स इ पावैन सुरु भगेलै ।
हिंदी में:
मिथिलांचल में इस दिन चंद्रमा की पूजा मिथिला के राजा हेमंगद ठाकुर ने शुरू की थी। वह मुगल सम्राट द्वारा अपने राज्य को वापस लेने के लिए दिल्ली जा रहा था। रास्ते में उन्होंने देखा कि लोग चंद्रमा पर पत्थर फेंक रहे हैं और उन्होंने चंद्रमा से प्रार्थना की कि वह उन्हें अपने राज्य में वापस लाने में मदद करें। उसे अपना राज्य वापस मिल गया और फिर उसी दिन से यह त्योहार शुरू हो गया ।
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चौरचन के प्रसाद |
In English:
Chaurchan festival is one of the greatest festivals of Mithila. This festival is celebrated on the Shukla Paksha Chaturthi of Bhadra month. It is observed in the Mithila region of Nepal. Province 2 and Province 1 are celebrated in some parts and in some districts of Bihar and UP in India. Where the people of Mithila have settled, many of them celebrate this festival.
There is a lot of history to celebrate this festival, one of which we are telling you about.
In Mithilanchal, worshipping Chandrama on this day was started by Hemangad Thakur, the king of Mithila. He was going to Delhi to get back his kingdom taken over by the Moghal Emperor. On his way he found people throwing stones at the Chandrama and prayed to Chandrama to help him in getting back to his kingdom. He did get back his kingdom and from that day this festival started.
1 Comments
Bahut neek
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